कैसे बताऊ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो| Heart Touching Poem !
कैसे बताऊ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो।
कैसे बताऊ।
कैसे बताऊ मैं तुम्हे तुम धड़कनो का गीत हो।
जीवन का तुम संगीत हो।
तुम जिंदगी, तुम बंदगी, तुम रोशनी, तुम ताजगी।
तुम हर खुशी, तुम प्यार हो, तुम प्रीत हो, मन मीत हो।
नींदों में तुम, यादो में तुम, सांसो में तुम, बाहो में तुम।
तुम हो मेरी हर बात में, तुम हो मेरे दिन रात में;
तुम सुबह में, तुम शाम में, तुम सोच में, तुम काम मे।
मेरे लिए पाना भी तुम मेरे लिए खोना भी तुम;
मेरे लिए हसना भी तुम, मेरे लिए रोना भी तुम; और जागना सोना भी तुम।
जाऊ कही, देखु कही; तुम हो वहा, तुम हो वही
कैसे बताऊ मैं तुम्हे तुम बिन तो मैं कुछ भी नही।
कैसे बताऊ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो।
कैसे बताऊ।
ये जो तुम्हारा रूप है; ये जिंदगी की धूप है।
चंदन से तरसा है बदन; बहती है जिसमे गगन।
ये सुर्खिया, ये मस्तिया; तुमको हवाओ से मिली; जुल्फे घटाओ से मिली।
होठो से कालिया खिल गई; आंखों को झीले मिल गई।
चेहरे में सिमटी चांदनी, आवाज़ में है रागनी।
शीशे के जैसा अंग है; फूलो के जैसा
रंग है।
नदियों के जैसी चाल है, क्या हुस्न है क्या हाल है।
ये हुस्न की रंगीनियां, जैसे हज़ारो तितलियां;
बाहो की ये गोलाइया, आँचल में ये परछाईया।
ये नगरिया है ख्वाब की, कैसे बताऊ मैं तुम्हे ये हालात दिल-ए-बेताब की।
कैसे बताऊ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो।
कैसे बताऊ।
मेरे लिए तुम धर्म हो, तुम्ही तो इबादत हो मेरी,
तुम्ही तो चाहत हो मेरी, तुम्ही मेरा अरमान हो।
तकता हु हर पल मैं जिसे तुम्ही तो वो तस्वीर हो,
तुम्ही मेरी तकदीर हो।
तुम्ही सितारा हो मेरा, तुम्ही नज़ारा हो मेरा।
यू ध्यान में मेरे हो तुम, जैसे मुझे घेरे हो तुम।
पूरब में तुम, पश्चिम में तुम, उत्तर में तुम, दक्षिण में तुम;
सारे मेरे जीवन मे तुम।
हर पल में तुम, हर क्षण में तुम।
मेरे लिए रस्ता भी तुम, मेरे लिए मंज़िल भी तुम;
मेरे लिए साहिल भी तुम, मेरे लिए सागर भी तुम।
मैं देखता बस तुमको हु, मैं जानता बस तुमको हू,
मैं मानता बस तुमको हु; तुमही बस मेरी पहचान हो।
कैसे बताऊ मैं तुम्हे, देवी हो तुम मेरे लिए,
मेरे लिए भगवान हो।
कैसे बताऊ मैं मेरे लिये तुम कौन हो।
कैसे बताऊ।।।।
- Unknown
- Rahul Yadav ( Published )
केशव कुमार मिश्रा द्वारा लिखी शायरी पड़ने के लिए यहां क्लिक करे!
अति उत्तम
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